विकास खंड चंबा के तहत ग्राम पंचायत कोहलड़ी में मरीजों को पालकी पर बैठाकर चार घंटे आवाजाही करनी पड़ रही है। बिना सड़क सुविधा के ऐसा करने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं। ताजा मामला गांव जगरोता से जुड़ा है। स्थानीय निवासी चुन्नी लाल को स्वास्थ्य जांच के लिए ग्रामीण ने उन्हें पालकी में बैठाकर चार किलोमीटर दूर भगरोत नाल तक पहुंचाया। जहां से आगे वे गाड़ी से स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचे।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के लिए वे कई बार सरकार व विभाग से मांग कर चुके हैं, लेकिन आज दिन तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने नेताओं पर आरोप लगाया कि वर्ष 2017 के विस चुनावों के दौरान उन्हें सड़क से जोड़ने का सपना दिखाया गया, लेकिन अभी तक सड़क नसीब नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने आश्वासन देने वाले नेताओं को दो टूक चेतावनी दी है कि 2022 के विस चुनाव में वे किसी भी दल के प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे।
चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा। उक्त पंचायत के गांवों जगरोता, डिबरी, लिंडीबेई, लाहड़ा व फकरोग की आबादी करीब चार सौ है। इन गांवों के निवासियों के लिए सड़क अभी सपना है। ग्रामीणों किशोरी लाल, संजय कुमार, विक्की कुमार, अरमान, राकेश कुमार, मदन लाल, चमन लाल, महिंद्र कुमार, धनीराम का कहना है कि अगर कोई बीमार हो जाता है तो पालकी के सहारे ही मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है।
सड़क का निर्माण न होने से रोष है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाए। लोक निर्माण विभाग कांगड़ा-चंबा जोन के मुख्य अभियंता मदन मिन्हास का कहना है कि यह मामला उनके ध्यान में है। कहा कि जल्द ही डीपीआर तैयार करवाई जाएगी और बजट का प्रावधान होते ही सड़क का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा।
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