हिमाचल प्रदेश के बद्दी के किशनपुरा (Kishanpura, Baddi, Himachal Pradesh) स्थित माध्यमिक स्कूल में बनाए जा रहे सेप्टिक टैंक में डूबने से दो सगे भाइयों की मौत हो गई। इनमें बड़ा भाई इसी स्कूल में पढ़ता था। 12 फीट गहरे खोदे गए निर्माणाधीन टैंक को ठेकेदार ने न तो ढका था और न ही उसके आसपास कोई रोक लगाई थी।
बारिश के कारण गड्ढे में पानी भर गया था। बच्चों को पता ही नहीं चला कि यह गड्ढा है। वे खेलते-खेलते वहां पहुंचे और फिसल कर गड्ढे में जा गिरे, जिससे उनकी मौत हो गई। पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही बरतने पर केस दर्ज कर लिया है।
मानपुरा थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि आजाद अली निवासी बेराम तहसील चंदौली, उत्तर प्रदेश किशनपुरा में किराये के मकान में रहता है। बुधवार को उसके दोनों बेटे शहनवाज (7) और महताब (4) घर के पास खेल रहे थे। इसी बीच उनका बड़ा भाई उसी स्कूल के पास एक सेंटर में ट्यूशन पढ़ने जाने लगा।
दोनों छोटे भाई भी उसके साथ-साथ चल पड़े। इसी बीच दोनों छोटे भाई बड़े भाई से अलग होकर स्कूल परिसर में पहुंच गए। स्कूल में छुट्टियां होने के चलते यहां चार दिन पहले सेप्टिक टैंक के लिए खोदे गड्ढे के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। गड्ढा बारिश के कारण पानी से भर गया था।
पानी मटमैला होने के कारण गड्ढे की गहराई का भी पता नहीं चला। बच्चे खेलते-खेलते गड्ढे के पास पहुंचे और उसमें गिर गए। कुछ देर बाद वहां से निकल रहे लोगों ने एक बच्चे की चप्पल गड्ढे में तैरते देखी तो शोर मचाया। इसके बाद लोग वहां इकट्ठा हुए और बच्चे को बाहर निकाला।
उसके बाद पता चला कि दूसरा भाई भी इसके साथ था। तभी होमगार्ड के एक जवान ने टैंक में छलांग लगाकर दूसरे बच्चे को बाहर निकाला, लेकिन दोनों की मौत हो चुकी थी। थाना प्रभारी ने बताया कि शव निकालने के बाद टैंक के पानी को मोटर लगाकर खाली कर दिया है। नालागढ़ अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे गए, जिसके बाद शव हरायपुर कब्रिस्तान में दफना दिए गए।
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