शिक्षा विभाग ने ऊना जिले के एक सरकारी स्कूल (Principal assaulting government school in Una) के प्रिंसिपल पर हमला करने के आरोपी छात्र को दो साल का निष्कासन आदेश जारी किया। यह आदेश शिक्षा विभाग के उप निदेशक ने जारी किया है. इस दौरान आरोपी छात्र को किसी स्कूल में दाखिला लेने का कोई अधिकार नहीं है.
आदेश में कहा गया है कि विभागीय जांच में आरोपी विद्यार्थी ने प्रधानाचार्य को थप्पड़ मारने की बात कबूल की है। इस प्रकार की घटना से अध्यापक और विद्यार्थी के रिश्ते की मर्यादा भंग हुई है।
इसलिए आरोपी को दो साल के लिए निष्कासित किया जाता है। निष्कासन समयावधि के दौरान आरोपी विद्यार्थी के व्यवहार पर नजर रखी जाए। अगर विद्यार्थी एक वर्ष तक आनुशासात्मक व्यवहार दिखाता है तो एक साल के बाद इसके दाखिले पर विचार किया जा सकता है। प्रधानाचार्य के साथ की गई मारपीट का मामला विभागीय जांच में साबित होने के बाद इस तरह का कदम उठाया गया है।
बता दें कि जिले के एक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं के छात्र पर अपने ही स्कूल के प्रधानाचार्य पर थप्पड़ मारने के आरोप लगे हैं। इसके साथ आरोपी पर प्रधानाचार्य का गला दबाने का प्रयास करने के भी आरोप लगे।
हालांकि इसी घटना में आरोपी छात्र के पिता ने भी स्कूल के दो अन्य शिक्षकों के साथ मारपीट के आरोप लगाए। ऊना पुलिस की ओर से इस मामले को लेकर दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि शिक्षा विभाग ने इस मामले में अहम कदम उठाते हुए आरोपी छात्र को दो वर्ष के लिए निलंबित कर दिया है।
शिक्षा विभाग की ओर से प्रधानाचार्य से मारपीट करने के आरोपी विद्यार्थी को दो वर्ष के लिए निष्कासित करने का फैसला लिया गया। इसके आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। इसके साथ आरोपी के व्यवहार पर निगरानी रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
-देवेंद्र चंदेल, उपनिदेशक, जिला प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा विभाग
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