गत सोमवार को शाहपुर के रुलेहड़ में हुआ दर्दनाक हादसा एक साथ कई लोगों को गहरा जख्म दे गया। भू-स्खलन की चपेट में आए लोगों के पूरे के पूरे परिवार के लोग इस हादसे में चले गए तो कहीं किसी परिवार ने अपने एक परिजन को इस हादसे में खो दिया। बुधवार को हादसे के तीसरे दिन रुलेहड़ गांव में की हरेक आंख अपनों को अंतिम विदाई देने के लिए नम थी। तबाही का मंजर देखने दूर-दूर से आए लोग भी इस घटना में मरने वाले लोगों की अंतिम विदाई में शामिल हुए। बुधवार को घटना में जान गंवाने वाले 5 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। घटना के तीसरे दिन भी रुलेहड़ का मंजर ऐसा था कि लोग बेहद भावनात्मक थे। हादसे में जान गंवा चुके भाई-बहन की चिता बुधवार को एक साथ जली। सोमवार को हुए हादसे में एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दब गए थे, भीमसेन जरियाल की पत्नी मश्तो देवी का शव सोमवार रात को मलबे से निकाला गया था, जिसका अंतिम संस्कार मंगलवार को कर दिया गया था। वहीं भीमसेन की बेटी ममता और बेटे कार्तिक को कल मृत निकाला गया था, जिनका अंतिम संस्कार बुधवार को एक साथ किया गया। भाई-बहन को मुखाग्नि उनके चचेरे भाई सूरज ने दी।
मंगलवार देर शाम तक बरामद हुए 4 शवों में से एक शव रुलेहड़ निवासी शिव प्रसाद का था। बुधवार को शिव प्रसाद का अंतिम संस्कार किया गया। शिव प्रसाद को मुखाग्नि उसके 2 साल के बेटे ने दी। शिव अभी 4 दिन पहले ही पिता बना था। उनके यहां बेटे का जन्म हुआ है। शिव अभी अपने बेटे के चेहरे को ठीक ढंग से देख भी नहीं पाया था कि कुदरत ने उन पर कहर ढा दिया। जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय शिव की पत्नी, माता व 2 साल का बेटा टांडा अस्पताल में थे। जानकारी के मुताबिक शिव के पिता सुभाष रुलेहड़ में दुकान करते थे तथा शिव भी दुकान पर ही उनका हाथ बंटाता था। पिछले दिनों शिव को चोट आ गई थी तथा वह घर पर ही था, जबकि पिता दुकान पर थे। हादसे के कुछ समय पहले ही पिता सुभाष दुकान से खाना खाने के लिए घर पहुंचे थे। अभी उन्होंने घर में कदम रखा ही था कि पानी व मलबे ने पूरे घर को अपने आगोश में ले लिया। शिव प्रसाद के पिता अभी भी लापता हैं।
शाहपुर के रुलेहड़ में सोमवार को हुए भूस्खलन के बाद राहत व बचाव का कार्य तीसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान 3 अन्य लापता लोगों के शव भी बरामद हुए। अपनों को ढूंढने के लिए जी-जान लगाकर एनडीआरएफ की टीमों के साथ काम कर रहे लोग अपने परिजनों व अपने रिश्तेदारों की एक झलक पाने के लिए उनकी आंखें लगी रहीं। बुधवार को बचाव कार्य के लिए टीमें 3 स्थानों पर जुटी रहीं। इस दौरान 3 लोगों को मलबे से निकाला भी गया। मलबा उठाने में लगी टीमों के साथ प्रभावित परिवार के लोगों को ही राहत एवं बचाव के दौरान रखा जा रहा है, ताकि वे मलबे में निकले लापता को पहचान सकें।
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