Himachal Pradesh का सबसे बड़ा जिला Kangra विकास की ओर अग्रसर हो चुका है. विकास इस कदर हो रहा है की वर्तमान में जिला के लोगों को सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. वोट की राजनीति पर हिमाचल (Himachal Pradesh) के प्रत्येक जिले के विकास की बात कहने वाली वर्तमान सरकार जिस विकास की बात कर रही है, उस विकास की आज हम साफ तस्वीरें दिखाने वाले हैं.
विडंबना यह है कि तहसील शाहपुर (Tehsil Shahpur) कि लपियाना पंचायत का पंदू गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित है. हालात ऐसे हैं कि पंदू गांव की बीमार महिला को 2 किलोमीटर चारपाई पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया गया. अगर महिला को गांव के लोग सड़क तक नहीं पहुंचाते तो उनकी हालात गंभीर हो जाती. जब भी इस तरह की आपात स्थिति होती है तो गांव के लोगों को मरीजों को पालकी या चारपाई पर उठाकर लिंक सड़क तक पहुंचाना पड़ता है. हालांकि, इस गांव के लिए कच्ची सड़क बनी है, लेकिन काफी समय से मरम्मत नहीं होने के कारण सड़क न के बराबर है.
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महिला मरीज को अस्पताल ले जाने में परेशानी (Difficulty in taking female patient to hospital)
बता दें बीते दिन मंगल सिंह की पत्नी रीता देवी बीमार हो गई. ज्यादा बीमार होने के कारण गांव के लोगों ने उन्हें चारपाई पर उठाकर सड़क पर पहुंचाया. उसके बाद उन्हें एंबुलेंस में Shahpur Hospital में भर्ती करवाया गया. बताते चले कि पीड़ित महिला रीता देवी किडनी की बीमारी से ग्रस्त है, जिन्हें हर माह अपना उपचार करवाने को अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
270 लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित (270 people still deprived of road facilities)
लपियाना पंचायत की पंदू गांव के करीब 270 लोग आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं. इस गांव में कुल 70 घर हैं. लोगों को स्कूल, बाजार व अस्पताल जाने से पहले पैदल ही सफल करना पड़ता है.
क्या कहते हैं गांव वासी (what the villagers say)
भाग्यरेखा से वंचित गांववासियों का कहना है कि सरकार और सरकार के मंत्री चुनावों के दौरान ही सड़क सुविधा व अन्य सुविधाओं की घोषणा कर हमसे वोट मांगते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव का समय खत्म हो जाता है. हमारे साथ की गई घोषणाएं भी उसी समय समाप्त हो जाती हैं. उनका यह भी कहना है कि वर्तमान में जब भी सड़क की समस्या बारे Shahpur की MLA व Panchayat Pradhan से बात की जाती है तो फॉरेस्ट क्लीयरेंस न मिल पाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.
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