हिमाचल प्रदेश में कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में चल रहे नाममात्र विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों का ब्योरा मांग लिया है। दो से चार किमी के दायरे में चल रहे कम संख्या वाले स्कूलों का आंकड़ा एकत्र करने के लिए कहा गया है।
विभाग ने जिले के सभी उप-निदेशकों से प्रदेश भर में चल रहे वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के स्कूलों से प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों का संकायवार संख्या, स्कूलों में तैनात रेगुलर, अनुबंध, पैरा टीचर्स और एसमएसी (para teachers and SMAC), पीजीटी शिक्षकों (PGT teachers) का आंकड़ा भी मांगा है। इसके अलावा स्कूलों में खाली चल रहे पदों की जानकारी भी मांगी है।
जानकारी के लिए तय फॉर्मेट में स्कूलों को स्कूल में साइंस और वाणिज्य संकाय की कक्षाएं कब से चल रही है, स्कूल के चार किलोमीटर के दायरे में कितने सरकारी ऐसे स्कूल है जिनमें साइंस और वाणिज्य संकाय की कक्षाएं संचालित की जा रही है। इसका पूरा विवरण मांगा गया है। उप निदेशक कार्यालय की ओर से जारी आदेशों के अनुसार एक सप्ताह के भीतर यह पूरा विवरण मांगा गया है।
स्कूलों को 15 जुलाई तक प्रवेश ले चुके 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं का ब्योरा मांगा गया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों को उप निदेशक उच्च शिक्षा अशोक शर्मा ने सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को भेजा है। इस पत्र में उप निदेशक कार्यालय को फार्म में दिए कॉलम में विधानसभा क्षेत्र, उपमंडल, ब्लॉक के अलावा यह बताना होगा कि कब से स्कूल में साइंस और कॉमर्स संकाय की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। उप निदेशक उच्च शिमला ने कहा कि विभागीय निर्देशों पर यह ब्योरा मांगा गया है। सत्र के शुरू में कुल पंजीकृत विद्यार्थियों का ब्योरा मांग लिया गया है।
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