हिमाचल की वर्तमान सरकार समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर वर्गों के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सम्मान और आराम से रह सकें और हमने इस संबंध में कई सामाजिक और आर्थिक विकास किए हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को चंडीगढ़ जाने से पहले शिमला में अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालते ही कमजोर वर्गों के जीवन-यापन में सुधार लाने के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं आरंभ की हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। सी.एम. ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष से वाल्मीकि समाज के लोगों और कामगारों के लिए आवास निर्माण में सहायता प्रदान करने के लिए महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना आरंभ करने का निर्णय लिया है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार वाल्मीकि समाज के ऐसे सफाई कर्मचारियों जिनकी वार्षिक आय अढ़ाई लाख रुपए से कम हो तथा उनका अपना घर न हो, को आवास निर्माण के लिए 3 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, ताकि वे अपना घर बना सकें। CM सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना के तहत गृह निर्माण के लिए प्रदान की जा रही आर्थिक सहायता को भी डेढ़ लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दिया है। इसी तरह विधवाओं के बच्चों को भी मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया है, ताकि उनके बच्चे संसाधनों की कमी के कारण गुणात्मक शिक्षा से वंचित न रहें।
यहां आबंटित किए जाएंगे मकान
CM सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नगर निगम धर्मशाला, सोलन व शिमला के साथ ही नगर परिषद नालागढ़ और परवाणू में रहने वाले कमजोर वर्गों तथा झुग्गी-झोंपड़ी वासियों को मकान आबंटित करने का निर्णय लिया है। इस आबंटन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओ.बी.सी. वर्ग, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं व दिव्यांगों को अधिमान दिया जाएगा।
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