अब हिमाचल में ड्राइविंग लाइसेंस (driving license in Himachal) बनवाना आसान हो जाएगा। सरकार क्षेत्रीय परिवहन विभागों, आरटीओ और क्षेत्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरणों के कार्यालयों के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए एक नई पहल लेकर आई है। इस पहल से लोगों के लिए घर बैठे ही लर्नर ड्राइवर का लाइसेंस (learner driver’s license) बनवाना आसान हो गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने बताया कि व्यक्ति अब आधार-आधारित प्रमाणीकरण का लाभ उठाते हुए पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किसी भी स्थान से अपना लर्नर ड्राइविंग लाइसैंस प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रणाली से आधार-आधारित लर्निंग लाइसैंस आवेदन प्रक्रिया सुव्यवस्थित हुई है और भौतिक सत्यापन, जांच और अनुमोदन की आवश्यकता नहीं रहेगी।
आरएलए धर्मशाला में पायलट आधार पर सफल ट्रायल के बाद प्रदेश में शुरू
RLA Dharamshala में पायलट आधार पर सफल ट्रायल के बाद यह प्रणाली अब प्रदेश के सभी जिलों में काम कर रही है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य लोगों को दक्षता से महत्वपूर्ण सेवाएं उपलब्ध करवाने के राज्य सरकार के दृष्टिकोण को यथार्थ रूप प्रदान करना है।
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इस प्रणाली के उपयोग से कागजी कार्रवाई कम होने के साथ ही लोगों के लिए लाइसैंस अधिग्रहण प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हुई है। हालांकि ड्राइविंग लाइसैंस टैस्ट के लिए आवेदकों को अभी भी स्लॉट बुकिंग के अनुसार अप्वाइंटमैंट शैड्यूल करने के लिए आरएलए में स्वयं जाना आवश्यक है।
आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस आधारित फेस ऑथैंटिकेशन प्रक्रिया शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि लर्नर लाइसैंस के आवेदकों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए लर्निंग ड्राइविंग टैस्ट शुरू होने से पहले कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस) आधारित फेस ऑथैंटिकेशन प्रक्रिया शुरू की गई है।
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आवेदक के चेहरे की तुलना आधार रिकॉर्ड के अनुसार उनके आवेदन पत्र में उपलब्ध छवि से की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार अधिक से अधिक सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित कर रही है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार विभिन्न सरकारी विभागों के कामकाज में आधुनिक तकनीक को शामिल कर रही है।
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