हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा के नगरोटा-धीरा रोड पर जमूला के पास शुक्रवार दोपहर को बस हादसा हुआ. हादसे में दस लोग घायल हैं. बस के ब्रैक फेल हो गए थे. चालक ने सूझबूझ दिखाई और बस में सवार 35 लोगों की जान बचा ली. बताया जा रहा है कि अच्छरू का भरो से करीब डेढ किलोमीटर आगे उतराई में बस की ब्रैक लगना बंद होगई. ड्राइवर ने सूझबूझ दिखाई. उतराई में एक तरफ पहाडी थी तो दूसरी तरफ पानी की निकासी के लिए कूहल खोदी गई थी. मौके पर कुहल में बस को रोकने के लिए प्रयास हुआ था. टायरों के निशान भी थे, लेकिन उतराई में होने के कारण बस की स्पीड जब कम नहीं हुई तो ड्राइवर ने सूझबूझ का परिचय देते हुए बस सीधी पहाडी के साथ टकरा दी. अगर पहाडी नहीं होती तो बस 200 मीटर गहरी खाई में गिरती.
हादसे के बाद आरएम नगरोटा, एसएचओ भवारना संजीव गौतम और धीरा पुलिस भी मौके पर पहुंची. लेकिन तब तक लोगों को प्राइवेट गाडियों के माध्यम से नगरोटा बंगवा ले जाया गया था. बस नगरोटा बंगवा डिपो की थी और नगरोटा से धीरा जा रही थी. घायलों में कुछ को छोड़कर किसी को गंभीर चोट नहीं आई है. नगरोटा अस्पताल में यहां के स्थानीय विधायक अरुण कुमार कूका ने घायलों का हाल जाना और उन्हें टांडा भेजने का इंतजाम किया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
कहां-कहां के लोग जख्मी
घायलों में चीडऩ के जगत राम, बाह की बिनता, चीडऩ की वन्दना, जमूला की माया, अनसोली की पूजा, बाह की साक्षी व विनता , जमूला की चंपा, धलूं का वंशु तथा दो वर्षीय बच्ची सारवी भी शामिल हैं. हादसे में गंभीर घयलों को विधायक मैहरा ने अपनी गाड़ी में टांडा भेजा. वहीं, जहां हादसा हुआ था वहां से टांडा मेडिकल कॉलेज की दूरी करीब 30 किलोमीटर और नगरोटा बगवां अस्पताल की दूरी करीब 10 किलोमीटर थी, लेकिन कहीं से भी एंबुलेंस का प्रबंध नहीं हो पाया। काफी देर तक जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो लोगों ने अपनी प्राइवेट गाडियों के माध्यम से घायलों को नगरोटा अस्पताल पहुंचाया. नगरोटा अस्पताल में एक्स-रे मशीन की बैटरियां खराब निकलीं और इसके चलते सभी लोगों को टांडा भेजा गया.
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