हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी बसों में लगेज पॉलिसी को लेकर लगातार विवाद हो रहा है. सरकारी बसों में अब यात्रियों को सामान का भी किराया देना पड़ रहा है. ताजा मामला मंडी का है. यहां पर मंडी से औट तक के लिए एक यात्री से खाना बनाने में इस्तेमाल हो रहे प्रैशर कुकर का भी किराया लिया गया है. मंडी से औट तक के लिए सवारी से 23 रुपये किराया वसूला गया है.
आपको बता दे की मंडी से औट की दूरी 42 किमी है. यहां पर एक सीट का कियार 92 रुपये है. ऐसे में सुक्खू सरकार परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में एचआरटीसी बस के लिए लगेज पॉलिसी लाई थी और इस पर खासा बवाल हुआ था.
मंडी डिपो के सूत्रों से बातचीत में पता चला है कि पांच किलो से कम वजन वाले सामान का एक चौथाई किराया वसूला गया है. सूत्र ने बताया कि 1 से 6 किलो ग्राम वजन वाले सामान का एक चौथाई टिकट लेने के आदेश हैं. जबकि 6 से 40 किलो तक आधा किराया और फिर 80 किलो तक के वजन का पूरा टिकट लगता है. सूत्र ने बताया कि कंडक्टरों पर काफी ज्यादा प्रेशर है. जगह जगह टिकट की चैकिंग होती है और यदि वह सामान का टिकट नहीं काटते हैं तो फिर फ्लाइंग की टीमें भरी बस में कंडक्टरों को जलील करने के साथ साथ फाइन भी लगाती हैं. ऐसे में कंडक्टर सरकार से खासे नाराज हैं और आने वाले दिनों में रोष जताएंगे.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने इस मामले में सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि शादी के एलबम, बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के बस्ते और खिलौने के बाद अब खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्रेशर कूकर भी अपने स्थानीय बाजार से ख़रीदकर घर तक ले जाने के लिए भी हिमाचलवासियों को एचआरटीसी की बसों में किराया देना पड़ रहा है. इससे शर्मनाक कृत्य और क्या हो सकता है? उपमुख्यमंत्री रोज़ मीडिया और विपक्ष को कोसते हैं और मातृशक्ति से कूकर, तवे, चिमटे का किराया भी वसूल रहे हैं. एक तरफ़ भाजपा की सरकार थी जिसने मातृशक्ति को बसों में पचास परसेंट किराए में छूट दी थी और एक व्यवस्था पतन की सुक्खू सरकार है जो प्रेशर कूकर का भी किराया ले रही है.
HRTC की आय बढ़ाने के लिए कवायद
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम करोड़ों रुपये के घाटे में हैं. ऐसे में निगम की आय बढ़ाने के लिए सरकार लगेज पॉलिसी लाई है. इसके तहत अब बसों में सामान ले जाने के लिए किराया जा लिया जा रहा है. इस मामले में कई बार सरकार की किरकिरी हो चुकी है. हालांकि, निगम को इस पॉलिसी की वजह से खासी आय भी रही है.
Recent Comments